Poetry

May 12, 2017 0 Comments


क्या कहु की ज़िंदगी इतनी आसान नहीं है दोस्तों 
कोई पास हो के भी पास नहीं होता कोई दूर रह के भी दूर नहीं होता 
ये अजीब कसमकस है ज़िंदगी वक़्त रहते ये किसी को समझ नहीं आता 

****जब कभी तुम तनहा होगी ****


" जब कभी तुम तन्हा होगी 
तब मैं तुन्हे याद आयूंगा  !!
पल भर के लिए ही सही 
तुम्हारी मुस्कान मैं बन जायूँगा !!
पास नहीं होऊंगा तुम्हारे  पर फिर भी 
तेरी परछाई मैं बन जाऊंगा !!
तब ही उस पल में मैं तुझमें नजर आऊंगा 
तुम जब भी तन्हा होगी 
मैं तुम्हे याद आऊंगा !! "



-: इस तरह ना हमे सताया करो  :-


इस तरह ना हमे सताया करो 
कभी हमसे  भी मिलने आया करो !!
हम अनजाने तो नहीं है आपसे 
तो अंजानो  से  पेश न आया करो !!
इस तरह न हमे सताया करो !!

हर पल तनहा सा बिताता हूँ 
कुछ पल तो साथ बिताया करो !!
कभी हमसे भी मिलने आया करो !!

ये धड़कने कुछ कहती है जुबानी 
कभी आके इसे सुन जाया करो !!
सबसे हमेशा बतियाती हो 
कभी हमसे भी तो बतियाया करो !!

इस तरह ना हमे सताया  करो 
कभी हमसे भी मिलने आया करो !!

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